Class 7 sanskrit Chapter 9 hindi translation

 नवमः पाठः 

अहमयि विद्यालयं गमिष्यामि

 Hindi translation



मालिनी - (प्रतिवेशिनी प्रति) गिरिजे! मम पुत्र मातुलगृहं प्रति प्रस्थित काचिद्अन्यां कामपि महिला कार्यार्थ जानासि तर्हि प्रेषय।

मालिनी - (बगलवाले के प्रति) गिरजा! मेरा पुत्र मामाघर गया है, कोई दूसरी अन्य महिला काम जानती हो तो (मुझसे) कहना।

 


गिरिजा - आम् सखि। अद्य प्रातः एवं मम सहायिका स्वसुतायाः कृते कर्मार्थ पृच्छति स्म। श्वः प्रातः एव तया सह वाता करिष्यामि। (अग्रिमदिने प्रातः काले पट्वादने एव मालिन्या: गृहघण्टिका आगन्तार कमपि सूचयति मालिनी द्वारमुदघाटयति पश्यति यत् गिरिजायाः सेविकया दर्शनया सह एका अष्टवर्षदेशीय, बालिका तिष्ठति)

गिरिजा - हां सखी, आज सुबह ही मेरी सहायिका अपनी पुत्री के लिए काम के लिए पूछ रही थी। कल सुबह ही उसके साथ बात करुँगी। अगले दिन सुबह के समय छ: बजे ही मालिनी के घर की घंटी किसी आनेवाले की सूचना देती है। मालिनी द्वार खोलती है देखती है कि गिरिजा की सेविका दर्शना के साथ एक लगभग आठ वर्ष की लड़की खड़ी है।



दर्शना - महोदये। भवती कार्यार्थ गिरिजामहोदयां पृच्छति स्म कृपया मम सुतायै अवसर प्रदाय अनुगृहलातु भवती।

दर्शना - मैडम! आप काम के लिए गिरिजा मैडम से पूछा था, कृपया मेरी बेटी के लिए अवसर को प्रदान करके हमें अनुगृहीत करें।




मालिनी - परमेषा तु अल्पवयस्का प्रतीयते। किं कार्य करिष्यत्येषा? अयं तु अस्याः अध्ययनस्य क्रीडनस्य च काल:।

मालिनी - लेकिन ये तो कम उम्र की लगती है। क्या काम करेगी? यह तो इसके पढ़ने का और खेलने का समय है।


दर्शना - एषा एकस्य गृहस्य संपूर्ण कार्य करोति स्म। सः परिवारः अधुना विदेश प्रति प्रस्थितः । कार्याभावे अहमेतस्यै कार्यमेवान्वेषयामि स्म येन भवत्सदृशानां कार्य प्रचलेत् अस्मद्सदृशानां गृहसञ्चालनाय च धनस्य व्यवस्था भवेत्।

दर्शना - ये एक घर का सारा काम करती थी। वह परिवार अब विदेश चला गया है। काम के अभाव में मैं इसके लिए काम ढूंढ रही थी, जिससे आप जैसों का काम चल सके और हम जैसों का घर चलाने के लिए धन की व्यवस्था हो जाए।



मालिनी - परमेतत्तु सर्वथाऽनुचितम् । किं न जानासि यत् शिक्षा तु सर्वेषां बालकानां सर्वासां बालिकानां च मौलिकः अधिकारः।

मालिनी - लेकिन यह तो सभी प्रकार से गलत है। क्या नहीं जानती हो कि शिक्षा तो सभी बच्चों का और सभी बच्चियों का मौलिक अधिकार है?



दर्शना - महोदये! अस्मद् सदृशानां तु मौलिकाः अधिकाराः केवलं स्वोदरपूर्ति- रेवास्ति। एतस्य व्यवस्थायै एव अहं सर्वस्मिन् दिने पञ्च-षड्गृहाणां कार्य करोमि । मम रुग्णः पतिः तु किञ्चिदपि कार्य न करोति। अतः अहं मम पुत्री च मिलित्वा परिवारस्य भरण-पोषणं कुर्वः। अस्मिन् महार्धताकाले मूलभूतावश्यकतानां कृते एव धनं पर्याप्त न भवति तर्हि कथं विद्यालयशुल्क, गणवेषं पुस्तकान्यादीनि क्रेतुं धनमानेष्यामि।

दर्शना - मैडम! हम जैसों का मौलिक अधिकार तो सिर्फ पेट भरना (ही) है। इसके व्यवस्था के लिए ही पूरे दिन में पाँच-छ: घरों का काम करती हूँ। मेरा बीमार पति तो कुछ भी काम नहीं करता है। इसलिए मैं और मेरी पुत्री मिलकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इस महंगाई के समय में मूलभूत आवश्यकताओं के लिए ही धन पर्याप्त नहीं होता है। तो विद्यालय शुल्क, ड्रेस, किताब आदि खरीदने के लिए धन कैसे लाऊंगी?



मालिनी - अहो! अज्ञानं भवत्या:। कि न जानासि यत् नवोत्तर-द्वि-सहस्र (2009) तमे वर्षे सर्वकारेण सर्वेषां बालकानां, सर्वांसां बालानां कृते शिक्षायाः मौलिकाधिकारस्य घोषणा कृता यदनुसार घड्वर्षेभ्यः आरभ्य चतुदर्शवर्षपर्यन्तं सर्वे बालाः समीपस्थं सर्वकारीय विद्यालयं प्राप्य न केवलं नि:शुल्क शिक्षामेव प्राप्स्यन्ति अपितु निःशुल्कं गणवेषं पुस्तकानि, पुस्तकस्यूतम्, पादत्राणम्, माध्याह्नभोजनम्, छात्रवृत्तिम् इत्यादिक सर्वमेव प्राप्स्यन्ति।


मालिनी - क्या तुम नहीं जानती हो कि सरकार के द्वारा सन २००९ में सभी लड़कों और सभी लड़कियों के लिए शिक्षा का मौलिक अधिकार की घोषणा की है जिसके अनुसार छ: वर्ष से लेकर चौदह वर्ष तक के सभी बच्चे नजदीकी सरकारी विद्यालय में न सिर्फ निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करेंगे अपितु निःशुल्क ड्रेस, किताबें, किताबों की थैली, जूते, दोपहर का भोजन, छात्रवृति (scholarship) इत्यादि सब ही प्राप्त करेंगे।



दर्शना - अप्येवम् (आश्चर्येण मालिनी पश्यति)

दर्शना - क्या ऐसा है? (आश्चर्य से मालिनी को देखती है)



मालिनी - आम्। वस्तुतः एवमेव।

मालिनी - हाँ। असल में ऐसा ही है।



दर्शना - (कृतार्थतां प्रकटयन्ती) अनुगृहीताऽस्मि महोदये! एतद् बोधनाय। अहम् अद्यैवास्याः प्रवेशं समीपस्थे विद्यालये कारयिष्यामि। दर्शनायाः - पुत्री- (उल्लासेन सह) अहं विद्यालयं गमिष्यामि! अहमपि पठिष्यामि! (इत्युक्त्वा करतलवादनसहितं नृत्यति मालिनी प्रति च कृतज्ञतां ज्ञापयति)

दर्शना - (कृतार्थता/धन्यता प्रकट करती हुई) अनुगृहीत हूँ मैडम! यह समझाने के लिए। मैं आज ही इसका प्रवेश नजदीकी स्कूल में करवाऊंगी।








 More Chapter's



Chapter 10 sanskrit hindi translation

Chapter 11 sanskrit to hindi translation

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Class 7 sanskrit Chapter 11 hindi translation

Class 8 sanskrit chapter 2 hindi translation

Class 8 sanskrit chapter 3 sanskrit to hindi translation