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Showing posts from February, 2022

Class 8 sanskrit chapter 15 hindi translation

  पञ्चदशः पाठः प्रहेलिकाः Hindi translation कस्तूरी जायते कस्मात्?  को हन्ति करिणां कुलम् ?  किं कुर्यात् कातरो युद्धे?  मृगात् सिंहः पलायते ॥1|| कस्तूरी किससे उत्पन्न होती है? कौन हाथियों के समूह को मार देता है? कायर व्यक्ति युद्ध में क्या करते हैं? हिरण से, सिंह से भाग जाते हैं। सीमन्तिनीषु का शान्ता?  राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः?  विद्वभिः का सदा वन्द्या?  अत्रैवोक्तं न बुध्यते ।|2|| नारियों में कौन सबसे अधिक शान्त स्वभाव वाली है? सीता। राजाओं में गुणों में उत्तम कौन है? राम । विद्वान हमेशा किसकी वन्दना करते है? विद्या। यह यहाँ नहीं बताया गया है। कं सञ्ज्घान कृष्णः ?  का शीतलवाहिनी गङ्गा? के दारपोषणरताः?  कं बलवन्तं न बाधते शीतम् ।।3।। श्रीकृष्ण ने किसको मारा? कंस को। शीतल (ठण्डी) धरा वाली गंगा को बहाने वाली जगह कौन-सी है? काशी। पत्नी सहित बच्चों के पालन-पोषण में कौन लगे होते हैं? खेती के काम में संलग्न किसान। किस बलवान को ठण्ड कष्ट नहीं देती? कम्बल वाले व्यक्ति को। वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।  त्वग्वस्त्रधारी न...

Class 8 sanskrit chapter 14 hindi translation

  चतुर्दशः पाठः आर्यभटः Hindi translation पूर्वदिशायाम् उदेति सूर्यः पश्चिमदिशायां च अस्तं गच्छति इति दृश्यते हि लोके। परं न अनेन अवबोध्यमस्ति यत्सूर्यो गतिशील इति । सूर्योऽचलः पृथिवी च चला या स्वकीये अक्षे घूर्णति इति साम्प्रतं सुस्थापितः सिद्धान्तः। सिद्धान्तोऽयं प्राथम्येन येन प्रवर्तितः स आसीत् महान् गणितज्ञः ज्योतिर्विच्च आर्यभटः पृथिवी स्थिरा वर्तते इति परम्परया प्रचलिता रूढिः तेन प्रत्यादिष्टा। सूर्य पूर्व दिशा से उदय होता है और पश्चिम में छिप जाता है ऐसा ही संसार में देखा गया है। परंतु इससे यह अनुमान नहीं लगाना चाहिए कि सूर्य गतिशील है। सूर्य स्थिर है और पृथ्वी गतिशील है जो अपने अक्ष पर घूमती है यह सिद्धांत अब पूरी तरह स्थापित है। इस सिद्धान्त को सर्वप्रथम जिन्होंने प्रारम्भ किया, वह महान गणित के ज्ञाता और ज्योतिषी आर्यभट थे। पृथ्वी स्थिर है, परम्परा से चली आ रही इस प्रथा का उन्होंने खण्डन किया। तेन उदाहृतं यद् गतिशीलायां नौकायाम् उपविष्टः मानवः नौकां स्थिरामनुभवति, अन्यान् च पदार्थान् गतिशलान् अवगच्छति । एवमेव गतिशीलायां पृथिव्याम् अवस्थितः मानवः पृथिवीं स्थिरामनुभवति सूर्...

Class 8 sanskrit chapter 13 hindi translation

  त्रयोदशः पाठः क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः Hindi translation सुपूर्ण सदैवास्ति खाद्यान्नभाण्ड नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम् ।  इयं स्वर्णवद् भाति शस्यैधरेयं  क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः ॥1॥ खाद्यान्न के पात्र सदा परिपूर्ण रहते हैं, जहाँ नदियों का जल अमृत के समान है, यह (भारत) भूमि फसलों के द्वारा सुशोभित है। पृथ्वी पर भारत स्वर्ण भूमि के रूप में शोभायमान है। 'त्रिशूलाग्निनागैः पृथिव्यस्त्रघोरैः  अणूनां महाशक्तिभिः पूरितेयम् ।  सदा राष्ट्ररक्षारतानां धरेयम्  क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः ||2|| त्रिशूल, अग्नि, नाग तथा पृथ्वी आदि भयंकर अस्त्रों के द्वारा तथा परमाणु महाशक्ति के द्वारा यह पूर्ण है। यह राष्ट्र रक्षा में लीन (वीरों ) की पृथ्वी है। पृथ्वी पर भारत स्वर्ण भूमि के रूप में शोभायमान है। इयं वीरभोग्या तथा कर्मसेव्या  जगद्वन्दनीया च भूः देवगेया।  सदा पर्वणामुत्सवानां धरेयं  क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः ॥3॥ यह वीरों के द्वारा भोग्य, कर्म के द्वारा सेवनीय, विश्व के द्वारा स्तुति करने योग्य तथा देवताओं के द्वारा आने योग्य भूमि है। यह सदा पूर्...