Posts

Showing posts from June, 2021

Class 8 sanskrit chapter 10 hindi translation

  दशमः पाठः नीतिनवनीतम् Hindi translation 1. अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन: ।  चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्।। अनुवाद- स्वभाव से हमेशा प्रणाम करने वाले की, बड़े बूढ़ों की सेवा करने वाले की चार चीजें बढ़ती हैं- आयु, विद्या, यश और बल ॥ 2.थं मातापितरौ क्लेशं सहते सम्भवे नृणाम | न तरथ निष्कृति: शक्या कर्तुं वर्षशरीरपि।। अनुवाद - जब माता-पिता मनुष्य (बच्चे) को जन्म देते समय जो कष्ट सहन करते हैं, उसका बदला सौ वर्षों तक भी नहीं चुकाया जा सकता। 3. तयोर्नित्यं प्रियम् कुर्यादाचार्यस्य च सर्वदा ।  तेष्वेव त्रिषु तुष्टेषु तपः सर्वः समाप्यते ।। अनुवाद उन दोनों का (माता पिता) और गुरु का हमेशा प्रिय करना चाहिए। उन तीनों के प्रसन्न होने पर सभी तप समाप्त हो जाते हैं। 4. सर्वं परवशं दुःखं सर्वमात्मवशं सुखम् ।  एतद्विद्यात्समासेन लक्षणं सुखदुःखयोः ।। अनुवाद - दूसरों के अधीन होने पर हमेशा दुखी होते हैं, अपने वश में हमेशा सुखी रहते हैं। सुख-दुख की यह संक्षिप्त में परिभाषा दी गई है । 5. यत्कर्म कुर्वतोऽस्य स्यात्परितोषोऽन्तरात्मनः ।  तत्प्रयत्नेन कुर्वीत विपरीतं तु...

Class 8 sanskrit chapter 9 hindi translation

  नवमः पाठः सप्तभगिन्यः Hindi translation अध्यापिका- सुप्रभातम् ।  छात्राः - सुप्रभातम् । सुप्रभातम् ।  अध्यापिका - भवतु किं पठनीयम् ? अध्यापिका - सुप्रभात  छात्रा - सुप्रभात | सुप्रभात |  अध्यापिका - अच्छा। क्या पढ़ना है ? छात्राः - वयं सर्वे स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामः ।  अध्यापिका – शोभनम्। वदत। अस्माकं देशे कॅति राज्यानि संति ?  सायरा - चतुर्विंशति: महोदये - ! छात्रा - हम सभी अपने देश के राज्यों के विषय में जानकारी रखना चाहते हैं। अध्यापिका - बहुत अच्छा । बोलो हमारे देश में कितने राज्य हैं ? सायरा - चौबीस श्रीमती (महोदये) ! सिल्वी - न हि न हि महाभागे अध्यापिका अन्यः कोऽपि ....? ! पञ्चविंशति : राज्यानि सन्ति । स्वरा- ( मध्ये एव) महोदये मे भगिनी कथयति यदस्माकं देशे अष्टाविंशतिः राज्यानि संति । एतदतिरिच्य सप्त केन्द्रशासितप्रदेशा: अपि सन्ति । शिल्वी - नहीं नहीं महोदया | पच्चीस राज्य हैं। 1 अध्यापिका और कोई भी)  स्वरा - बीच में ही महोदया मेरी बहन कहती है कि हमारे देश में 28 राज्य हैं । इसके अतिरिक्त सात केंद्र शासित प्रदेश भी हैं। अध्...

Class 8 sanskrit all chapter link for hindi translation

Class 8 Sanskrit All chapter's Links         Chapter 1 hindi translation         Chapter 2 hindi translation         Chapter 3 hindi translation         Chapter 4 hindi translation         Chapter 5 hindi translation         Chapter 6 hindi translation         Chapter 7 hindi translation         Chapter 8 hindi translation         Chapter 9 hindi translation         Chapter 10 hindi translation         Chapter 11 hindi translation         Chapter 12 hindi translation part 1         Chapter 12 hindi translation part 2         Chapter 13 hindi translation         Chapter 14 hindi translation         Chapter 15 hindi translation

Class 8 sanskrit chapter 8 hindi translation

  अष्टमः पाठः  संसारसागरस्य नायकाः Hindi translation के आसन् ते अज्ञातनामान: ?  शतशः सहस्रशः तडागा: सहसैव शून्यात् न प्रकटीभूता: । इमे एव तडागा: अत्र संसारसागरा: इति । एतेषाम् आयोजनस्य नेपथ्ये निर्मापयितृणाम् एककम्, निर्मातॄणां च दशकम् आसीत्। कौन थे वे अज्ञात नाम वाले ? सैकड़ों, हजारों तालाब अचानक ही आकाश से प्रकट नहीं हुए । यह तालाब ही यहाँ संसार सागर हैं। इनके आयोजन के पीछे बनवाने वाले एक (इकाई )और बनाने वाले दहाई(दस) थे। एतत् एककं दशकं च आहत्य शतकं सहस्रं वा रचयत: स्म । परं विगतेषु द्विशतवर्षेषु नूतनपद्धत्या समाजेन यत्किञ्चित् पठितम्।पठितेन तेन समाजेन एककं दशकं सहस्रकञ्च इत्येतानि शून्ये एव परिवर्तितानि। यह एक से दस दस से सौ तथा सौ से आकर हजारों की रचना हुई परंतु बीते हुए दो सौ वर्षों में नई पद्धति के द्वारा समाज ने जो कुछ पढ़ा । उस पठित समाज ने इकाई, दहाई और हजार को शून्य में बदल दिया । अद्य ये अज्ञातनामान: वर्तन्ते, पुरा ते बहुप्रथिताः आसन् । अशेषे हि देशे तडागा: निर्मीयन्ते स्म, निर्मातारोऽपि अशेषे देशे निवसन्ति स्म। आज जो अज्ञात नाम वाले हैं, पहले वे बहुत प्रसिद्ध थ...