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Showing posts from May, 2021

Class 8 sanskrit chapter 7 hindi translation

  सप्तमः पाठः भारतजनताऽहम् Hindi translation अभिमानधना विनयोपेता, शालीना भारतजनताऽहम्।  कुलिशादपि कठिना कुसुमादपि, सुकुमारा भारतजनताऽहम्।। स्वाभिमान रूपी धन वाली विनय और शालीनता से भरी हुई मैं भारत की जनता हूँ ।पत्थर से भी अधिक कठोर और फूल से भी अधिक कोमल में भारत की जनता हूँ । निवसामि समस्ते संसारे, मन्ये च कुटुम्बं वसुन्धराम्। प्रेयः श्रेयः च चिनोम्युभयं, सुविवेका भारतजनताऽहम् मैं सारे संसार में निवास करती हूँ और समस्त भूमंडल को अपना परिवार मानती हूँ । रुचिकर और कल्याणप्रद दोनों रास्तों को चुनती हूँ । विवेक से परिपूर्ण मैं भारत की जनता हूँ । विज्ञानधनाऽहम् ज्ञानधना, साहित्य कला संगीतपरा। अध्यात्म सुधातटिनी स्नानैः, परिपूता भारत जनताऽहम्।। विज्ञान रूपी धन वाली, साहित्य, संगीत कला से परिपूर्ण अध्यात्म रूपी अमृतमयी नदी में स्नान से पवित्र मैं भारत की जनता हूँ । मम गीतैर्मुग्धं समं जगत्,मम नृत्यैर्मुग्धं समं जगत्। मम काव्यैर्मुग्धं समं जगत्,रसभरिता भारत जनताऽहम्।। मेरे गीतों के द्वारा सारा संसार मुग्ध है, मेरे नृत्य के द्वारा सारा संसार मुग्ध है । मैरे काव्यों कैं द्वारा सारा सं...

Class 8 sanskrit chapter 6 sanskrit to hindi translation

  षष्ठःपाठः गृहं शून्यं सुतां विना Hindi translation "शालिनी ग्रीष्मावकाशे पितृगृहम् आगच्छति।  सर्वे प्रसन्नमनसा तस्या: स्वागतं कुर्वंति परं तस्या: भ्रातृजाया उदासीना इव दृश्यते"। "शालिनी गर्मी की छुट्टियों में पिता के घर आती है। सभी प्रसन्न मन होकर उसका स्वागत करते परंतु उसकी भाभी उदास सी प्रतीत होती |" शालिनी भ्रातृजाय! चिंतिंता इव प्रतीयसे, सर्वं कुशलम् खलु? माला - आम् शालिनी । कुशलिनी अहम् ।त्वदर्थम् किं आनयामि, शीतलपेयं चायं वा ? शालिनी – भाभी! तुम चिंतित सी प्रतीत होती हो। सब कुशल तो है । माला- हाँ शालिनी! मैं कुशल हूँ । तुम्हारे लिए क्या लाऊँ ठंडा या चाय? शालिनी- अधुना तु किमपि न वाञ्छामि ।रात्रौ सर्वै सह भोजनमेव करिष्यामि । (भोजन कालेऽपि मालाया: मनोदशा स्वस्था न प्रतीयते स्म, परं सा मुखेन किमपि नोक्तवती) शालिनी -अब तो मैं कुछ नहीं चाहती हूँ, रात में सबके साथ भोजन ही कर लूँगी । (भोजन के समय भी माला की मनोदशा स्वस्थ प्रतीत नहीं होती थी परंतु उसने मुख से कुछ नहीं कहा) राकेश:- भगिनि शालिनि। दिष्ट्या त्वं समागता। अद्य मम कार्यालये एका महत्त्वपूर्ण गोष्ठी सहसैव नि...